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Imran Khan Praised India
Highlights
- भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की तारीफ, शहबाज शरीफ सरकार पर कसा तंज
- क्ववाड का हिस्सा होने के बावजूद रूस से तेल खरीदा: इमरान
- इमरान का कई पाक नेताओं पर विदेशी ताकतों से हाथ मिलाने का आरोप
Imran Khan Praised India: इमरान ने ‘अमेरिका के दबाव’ के बावजूद रूस से रियायती तेल खरीदने के लिए भारत की फिर एक बार प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक स्वतंत्र विदेश नीति की मदद से इसे हासिल करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘बिना सिर वाले मुर्गे की तरह अर्थव्यवस्था’ के लिए फटकार लगाई। उन्होंने कल मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा की सराहना की।
‘ क्वाड का हिस्सा होने के बावजूद रूस से तेल खरीदा’
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेता ने ईंधन की कीमतों में कटौती के भारत सरकार के फैसले के बारे में जानकारी साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा ‘क्वाड का हिस्सा होने के बावजूद भारत ने अमेरिकी दबाव से खुद को अलग रखा और जनता को राहत देने के लिए रियायती रूसी तेल खरीदा। भारत ने वही किया जो हमारी सरकार एक स्वतंत्र विदेश नीति की मदद से इसे हासिल करने के लिए काम कर रही थी।’
इमरान खान ने कई नेताओं पर कसा तंज
इमरान खान ने आगे कहा कि ‘कई मीर जाफर और मीर सादिक’ सत्ता परिवर्तन के लिए बाहरी दबाव के आगे झुक गए, जिसकी वजह से पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो गया। सत्ता से बेदखल हो चुके इमरान खान ने कई नेताओं पर विदेशी ताकतों से हाथ मिलाने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम ने ट्वीट किया, ‘हमारी सरकार के लिए पाकिस्तान का हित सर्वोच्च था, लेकिन दुर्भाग्य से स्थानीय मीर जाफर और मीर सादिक सत्ता परिवर्तन के लिए बाहरी दबाव के आगे झुक गए और अब अर्थव्यवस्था पूरी तरह बेकाबू हो चुकी है।’
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद शनिवार को पेट्रोल की कीमत में 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।
भारत रूस से खरीद रहा तेल
भारत के रूसी तेल का आयात ऐसे समय में बढ़ गया है जब पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से मास्को पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे कई तेल आयातकों ने रूस के साथ व्यापार करना बंद कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए रूस से रियायती तेल की खरीद तेज कर दी, जिससे अप्रैल में देश का कच्चे तेल का आयात साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।