
Sri Lankan Muslims offer Eid al-Fitr prayers at the Galle Face Green in Colombo.
Highlights
- श्रीलंका इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
- देश की मुश्किलों को देखते हुए मुसलमानों ने हज न करने का फैसला किया है।
- सऊदी अरब में 7 जुलाई से 13 जुलाई तक हज यात्रा होगी।
कोलंबो: श्रीलंका में इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट छाया हुआ है और लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि खाने-पीने के सामानों के दाम पिछले कुछ हफ्तो में ही 4 से 5 गुना बढ़ गए हैं। यहां तक कि लोगों को बिजली, डीजल और पेट्रोल तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। देश पर पड़ी इस आफत के बीच श्रीलंका के मुसलमानों ने एक बड़ा निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंकाई मुसलमानों ने देश में आर्थिक संकट के चलते इस साल हज यात्रा नहीं करने का फैसला किया है।
श्रीलंका से 1,585 हज तीर्थयात्रियों के कोटा को मिली थी मंजूरी
बता दें कि सऊदी अरब ने वर्ष 2022 के लिए श्रीलंका से 1,585 हज तीर्थयात्रियों के कोटा को मंजूरी दी थी। हालांकि, राष्ट्रीय हज समिति, श्रीलंका हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन और मुस्लिम धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग सहित कई पक्षों द्वारा की गई चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि श्रीलंका से कोई भी मुसलमान इस बार हज यात्रा नहीं करेगा। यानी कि इस बार सऊदी अरब में 7 जुलाई से 13 जुलाई तक होने वाली हज यात्रा में श्रीलंका का कोई भी मुसलमान शिरकत नहीं करेगा।
‘मुस्लिमों ने सर्वसम्मति से लिया हज यात्रा न करने का फैसला’
ऑल-सीलोन हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन और हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ श्रीलंका द्वारा मुस्लिम धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के विभाग को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है, ‘हमारे देश श्रीलंका में मौजूदा स्थिति और लोगों की पीड़ा को देखते हुए दोनों संघों के सदस्यों ने इस साल के हज छोड़ने का फैसला किया है।’ इस बीच, हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रिजमी रियाल ने कहा कि ऑपरेटरों का निर्णय ‘देश के सामने गंभीर डॉलर संकट’ के कारण सर्वसम्मति से लिया गया है।