नई दिल्ली: यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस ने प्रतिबंधों का अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया हैं. अब तक इस लिस्ट में ईरान और सीरिया सबसे आगे थे, लेकिन इस महायुद्ध के बाद रूस ने इन दोनों देशों को पीछे छोड़ दिया हैं. जो देश सीधे तौर पर रूस को टक्कर नहीं देना चाहते हैं, वह रूस को आर्थिक चोट देकर कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं. जिन देशों ने रूस पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं वह है अमेरिका, EU (यूरोपियन यूनियन), फ्रांस और UK.
रूस ने प्रतिबंधों के तोड़े सारे रिकॉर्ड
रूस और यूक्रेन की लड़ाई में रूस ने प्रतिबन्धों के सभी अनचाहे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक रूस पर कुल 8269 प्रतिबंध लग चुके हैं. रूस के बाद इस लिस्ट में ईरान है जिस पर पिछले 10 सालों में कुल 3616 प्रतिबंध लगे हैं. ईरान के खिलाफ यह प्रतिबंध आतंकवाद के समर्थन के लिए लगे हैं. ईरान के बाद तीसरे नम्बर पर सीरिया है जिस पर 2608 प्रतिबंध लगे हैं, सीरिया के बाद नार्थ कोरिया पर 2077, वेनेजुएला पर 651, म्यांमार पर 510 और क्यूबा पर 208 प्रतिबंध लगे हैं.
किन किन देशों ने रूस पर लगाये प्रतिबन्ध
यूक्रेन और रूस के बीच चली इस जग में रूस को कमजोर करने के लिए उसे आर्थिक चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. रूस को आर्थिक चोट पहुंचाने वाले देशों में अमेरिका, UK, ऑस्ट्रेलिया, Canada और EU शामिल हैं. अभी तक की ताजा जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया, canada, अमेरिका और UK ने Russian oil & Gas import पर प्रतिबंध लगाया हैं. EU, अमेरिका और UK ने Russian coal के इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाया है. ऑस्ट्रेलिया, EU, अमेरिका, जापान और UK ने रूस के लक्ज़री गुड्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया हैं. इसी बीच UK ने कहा है कि वह 2022 का साल ख़त्म होने से पहले पहले रूसी आयल और coal के इमोर्ट को पूरी तरह से समाप्त कर देगा. इसके अलावा रूसी banks को भी निशाना बनाया जा रहा हैं.
रूस के बड़े चेहरों को बनाया जा रहा है निशाना
अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और UK ने साथ मिलकर 1000 से अधिक रूस के बड़े चेहरों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, इसमें मुख्य रूप से रूसी बिजनेस मैन और रूस के नेता शामिल हैं. अभी तक सामने आए बड़े नामों में रूस के राष्ट्रपति पुतिन की दो बेटियां शामिल हैं. इनके साथ जो एक बड़ा नाम सामने आ रहा है वह है चेल्सी एफसी के मालिक रोमन अग्रामोविच का. UK के द्वारा गोल्डन वीज़ा की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे, इस वीज़ा के जरिए रूस के अमीर लोगों को ब्रिटिश residency अधिकार प्राप्त होते हैं.
रूसी राजनयिकों (Russian diplomats) को किया जा रहा निष्कासित
रूस को आर्थिक चोट पहुंचाने के साथ साथ अन्य देशों में काम करने वाले रूसी डिप्लोमैट्स को भी निशाना बनाया जा रहा हैं. हाल में बुचा में नरसंहार की जो तस्वीरे दुनिया के सामने आई है उसने सबकी रूह को झंगझोर कर रख दिया है. इस घटना के बाद तो रूस पर प्रतिबंधों और रूसी डिप्लोमैट्स के निष्कासन की बाढ़ सी आ गयी. बुचा की घटना के बाद जर्मनी ने रूस के 40 डिप्लोमैट्स को निष्कासित किया, फ्रांस ने 35 को निष्कासित किया, सबसे अधिक अमेरिका और EU ने मिलकर 250 रूसी डिप्लोमेंट्स और एम्बेसी वर्कर्स को निष्कासित किया है.
रूस पर लगे प्रतिबंधों पर पुतिन की कड़ी प्रतिक्रिया
रूस पर लगे प्रतिबन्धों के बाद पुतिन भी शांत बैठने को तैयार नहीं है, जवाबी कार्रवाई में पुतिन ने सबसे पहले 200 से अधिक रूसी प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर 2022 के अंत तक प्रतिबन्ध लगा दिया हैं. इन प्रोडक्ट्स में दूरसंचार, चिकित्सा, वाहन, कृषि, विद्युत उपकरण और इमारती लकड़ी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त रूस ने उन विदेशी निवेशकों पर प्रतिबंध लगा दिया हैं जिनके पास रूस के अरबों डॉलर मूल्य के शेयर और बांड है. रूस पर लगे प्रतिबन्धों के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वह unfriendly देशों को रूसी गैस के आयात के लिए रूबल में भुगतान करेंगे, जिससे मुद्रा के मूल्यों में वृद्धि होंगी.
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