बर्लिन: संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता ने कहा कि यूक्रेन ने बताया है कि बंद हो चुके चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) पर तैनात कर्मचारियों की शिफ्ट 3 हफ्ते के बाद पहली बार रूसी सैनिकों के इलाके से वापस जाने के बाद बदली गई है. विएना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है.
दरअसल युद्ध के शुरुआत में ही रूसी सैनिकों ने वर्ष 1986 में परमाणु आपदा के केंद्र रहे इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था. एजेंसी ने बताया कि यूक्रेन ने रविवार को सूचित किया है कि उसने अब जाकर कर्मचारियों की शिफ्ट बदली है लेकिन स्थिति अब भी सामान्य से कोसों दूर है.
इन कर्मचारियों को केवल जलमार्ग के रास्ते ही लाया और ले जाया जा रहा है. स्लावुटिच शहर में रह रहे लोगों को संयंत्र तक पहुंचने के लिए प्रीपयात नदी ही एकमात्र रास्ता है.
रेडिएशन से बीमार हुए रूसी सैनिकों ने छोड़ दिया चेर्नोबिल प्लांट!
अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी ने बताया कि यूक्रेन ने सूचित किया है कि विकिरण पर नजर रखने के लिए बनाई गई विश्लेषण प्रयोगशाला की इमारत नष्ट हो गई है और विश्लेषण के लिए रखे गए उपकरण ‘‘या तो टूट गए हैं, चोरी हो गए हैं या किसी काम के नहीं रहे हैं.
इस पहले यूक्रेन के परमाणु नियामक प्राधिकरण ने कहा था कि चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र के आसपास लगे जितने रेडिएशन मॉनीटर थे, उन सभी ने काम करना बंद कर दिया है. इसलिए यह अंदाजा भी नहीं लग पा रहा है कि संयंत्र के आसपास इस वक्त रेडिएशन की क्या स्थिति है. गौरतलब है कि चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र यूक्रेन की बेलारूस से लगती सीमा पर स्थित है.
इससे पहले यूक्रेन ने दावा किया था कि रेडिएशन की समस्या का सामना करने के बाद रूसी सैनिक चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र को छोड़कर बेलारूस के साथ लगी यूक्रेन की सीमा की ओर बढ़ने लगे. बता दें कि रूसी सेना ने 24 फरवरी को चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा कर लिया था.
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