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Saudi Arabia News
Highlights
- वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की अब जरूरत नहीं
- मदीना की मस्जिद में मास्क पहनना अब भी अनिवार्य
- हज यात्रियों के आने से पहले नियमों में ढील
Saudi Arabia: गल्फ के देश सऊदी अरब ने हाल ही में कोरोना महामारी से जुड़े सभी प्रतिबंधों को खत्म कर दिया है। इससे दुनियाभर के देशों के साथ ही भारत से हज यात्रा पर जाने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिली है। दरअसल, सऊदी अरब ने कोरोनाकाल में वायरस के फैलाव को रोकने के लिए आवश्यक प्रतिबंध लगाए थे। सऊदी अरब की प्रेस एजेंसी ने इस देश के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि अब सार्वजनिक जगहों के साथ ही बंद जगहों पर भी मास्क लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। यानी अब लोगों के लिए घर के अंदर फेस मास्क लगाना जरूरी नहीं रहेगा। दरअसल, पिछले एक माह पहले यहां केस अचानक बढ़ना शुरू हो गए थे। हालांकि अब स्थिति काफी हद तक अच्छी हो गई है। सऊदी में रहने वाले भारतीयों समेत सभी के लिए ये एक राहत है।
मदीना की मस्जिद में मास्क पहनना अब भी अनिवार्य
हालांकि आदेश में कहा गया है कि मस्जिदों में अभी भी मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। खासतौर पर मक्का में ग्रैंड मस्जिद और मदीना में पैगंबर की मस्जिद में मास्क पहनना होगा। वैसे बता दें कि हज यात्रा पर पाबंदी के दौरान हर एक साल में सऊदी अरब को 12 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ है।
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की अब जरूरत नहीं
हवाई जहाज, सार्वजनिक परिवहन और किसी भी गतिविधि में शामिल होने के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। आदेश में ये भी कहा गया है कि जो नागरिक सऊदी अरब छोड़ना चाहते हैं उन्हें तीन की जगह आठ महीने के बाद तीसरी बूस्टर खुराक लेनी होगी।
हज यात्रियों के आने से पहले नियमों में ढील
अरब का गृह मंत्रालय कोरोना से बचाव के लिए तीसरा बूस्टर शॉट लेने के लिए प्रेरित कर रहा है। सोमवार को यह आदेश ऐसे समय आया, जब 8.50 लाख हजयात्री विदेशों से अरब आने वाले हैं। दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से ही हज यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस माह की शुरुआत में
UAE में बढ़ रहे मामले
हजयात्रियों को सउदी अरब में जाने की मंजूरी और वहां कम हो चुके कोरोना केस के विपरीत यूएई यानी युनाइटेड अरब अमीरात में एक सप्ताह के दौरान कोरोना के मामले दोगुना हो गए हैं। इस कारण वहां की सरकार ने लोगों को फेसमास्क लगाने के लिए कहा है। अच्छी वैक्सीनेशन की दर होने के बावजूद वहां 1300 के करीब मामले रोज आए हैं।