टोक्यो. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) के बीच अब जापान (Japan) के पास रूस और चीन (china) के जंगी जहाज देखे गए हैं. यह जानकारी जापान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को दी है. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पहली बार रूस के प्राइवेट शिप के साथ-साथ जंगी जहाज देश के करीब देखे गए हैं. इसके साथ ही चीन के जहाज भी जापान के करीब पाए गए हैं. अपने बयान में रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि तीन नौसेना युद्धपोतों सहित छह रूसी जहाज दक्षिण-पश्चिमी जापान में त्सुशिमा जलडमरूमध्य से गुजरे हैं. ये जहाज पूर्वी चीन सागर से जापान सागर की ओर आगे बढ़े थे. मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि दक्षिण-पश्चिमी जापान में अमामी-ओशिमा द्वीप के पास यात्रा करने के बाद एक चीनी नौसेना टोही पोत बुधवार को पूर्वी चीन सागर से प्रशांत महासागर की ओर रवाना हुआ. इस घटनाक्रम से हड़कंप मचा हुआ है.
इससे पहले जापान ने यूक्रेन की मदद को हाथ आगे बढ़ाया था. रासायनिक हथियारों के हमले से बचाने के लिए जापान ने यूक्रेन को गैस मास्क, हैजमैट सूट (हैजर्डस मैटिरियल यानी खतरनाक सामग्री से बचाव करने वाला सूट) और ड्रोन भेजने का फैसला किया है. जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशि ने मंगलवार को कहा था कि यूक्रेन का सरकार ने जापान से इन सभी सामानों को भेजने का अनुरोध किया है. यूक्रेन के अनुरोध पर रासायनिक हमलों से निपटने के लिए सभी जरूरी उपकरण जापान भेज रहा है. इधर जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अब जापानी द्वीपसमूह के आसपास चीनी और रूसी जहाजों के तेजी से सक्रिय ऑपरेशंस पर नजर रखी जा रही है. जापान ने कहा है कि वह इन जहाजों को लेकर सतर्कता बरत रहा है.
मंत्रालय के अनुसार, रूसी ऊर्जा दिग्गज गज़प्रोम पीजेएससी से संबद्ध तीन जहाजों के साथ एक विध्वंसक सहित तीन रूसी नौसेना के जहाज थे. रक्षा मंत्रालय के ज्वाइंट स्टाफ अधिकारी ने कहा, ‘रूसी निजी जहाजों के लिए युद्धपोतों के साथ यात्रा करना दुर्लभ है.’ मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स ने जापान के चार मुख्य द्वीपों में से एक क्यूशू और दक्षिण कोरिया के बीच स्थित त्सुशिमा जलडमरूमध्य से गुजरने से पहले डैंजो द्वीप से लगभग 80 किलोमीटर पश्चिम में मंगलवार सुबह 9 बजे रूसी जहाजों को देखा गया था.
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