मॉस्को. रूस की तरफ से आज पूर्वी जर्मनी पर सोवियत यूनियन की विजय की सालगिरह के मौके पर आज विकट्री डे मनाया जा रहा है. लेकिन रूस के Victory Day पर यूक्रेन युद्ध का भी असर देखा जाएगा. इस मौके पर मास्को के रेड स्क्वायर पर होनेवाले मिलिट्री परेड में पिछली साल के मुकाबले कम जवान हिस्सा लेंगे. इसके अलावा रक्षा से जुड़ी गाड़ियों और उपकरणों का भी प्रदर्शन कम होगा. हालांकि, फ्लाईपास्ट में पिछले साल से ज्यादा फाइटर प्लेन शामिल होने की उम्मीद है लेकिन जवानों और रक्षा उपकरणों की संख्या कम होगी.
कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने इसे यूक्रेन में रूस को हुए नुकसान से भी जोड़ा है. इस बार के Victory Day परेड के जरिए रूस की कोशिश होगी की यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को न्यायोचित करार दिया जाए. रूस के Victory Day परेड में कई फाइटर विमान Z आकार में मास्को के ऊपर से उड़ान भरेंगे. Z प्रतीक चिन्ह यूक्रेन में रूसी समर्थन के लिए एक पॉपुलर प्रतीक चिन्ह है.
रूस की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक 2021 में 191 मिलिट्री गाडियां और 12000 रूसी जवानों ने हिस्सा लिया था, इस साल सिर्फ 129 मिलिट्री गाडियां और 10 हजार रूसी जवान हिस्सा लेंगे. रूस में नाज़ी जर्मनी के खिलाफ सोवियत संघ की विजय को हर साल 9 मई को Victory Day के तौर पर मनाया जाता है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मौके का इस्तेमाल देशभक्ति एकता और देश की मिलिट्री ताकत को दिखाने के लिए किया है. लेकिन यूक्रेन युद्ध के बीच नजर रहेगी की पुतिन यूक्रेन पर क्या बोलते हैं. पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुण्यात ने कहा की आज पता चलेगा की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा क्या है, क्या युद्ध ख़त्म होने की गुंजाइश है आज की तारीख में, क्या वो संघर्ष विराम की घोषणा करेंगे?.
दरअसल रूस अपना 77वीं Victory Day परेड मना रहा है लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऐसी स्थिति कभी नहीं आई जब यूक्रेन जैसा युद्ध हो और पुतिन पर सबकी नजर हो.
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FIRST PUBLISHED : May 09, 2022, 13:29 IST