रियाद/नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस साल भी सऊदी अरब ने अपने यहां होने वाले हज को लेकर कुछ बंदिशें लगाई हैं. इनके तहत इस साल सिर्फ 10 लाख लोग ही हज कर पाएंगे. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी अरब से कहा है कि इस साल देश के अंदर और बाहर से आने वाले वो ही मुस्लिम हज कर पाएंगे, जिन्होंने टीके की सभी डोज लगवा ली होंगी.
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इस साल 65 साल से अधिक उम्र के लोग हज नहीं कर पाएंगे. पिछले साल सिर्फ सऊदी अरब के ही कुछ हजार लोगों ने हज किया था. कोविड-19 महामारी के चलते यह फैसला लिया गया था. हज को लेकर सऊदी के मंत्रालय ने कहा है कि विदेश से आने वाले लोगों को नेगेटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पेश करनी होगी. इसके साथ ही कुछ अन्य स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां भी बरतनी होंगी.
इस साल माना जा रहा है कि हज यात्रा जुलाई में होगी. कोरोना संक्रमण से पहले हर साल दुनिया भर के 25 लाख से अधिक लोग हज यात्रा करते थे. वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों को चेन्नई हवाई अड्डे को हजारों हज यात्रियों के लिए ‘बोर्डिंग प्वाइंट’ बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया है.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की ओर से इसके सचिव अब्दुल कादर द्वारा दायर जनहित याचिका पर आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया.
पीठ ने कहा कि यह अदालत सिर्फ आग्रह पर विचार करने के लिए निर्देश जारी कर सकती है. इसने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चेन्नई हवाई अड्डे को हजारों हज यात्रियों के लिए ‘बोर्डिंग प्वाइंट’ बनाने पर विचार करें.
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